हिंसा के बावजूद बारामुला में ज्यादा वोटिंग

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राज्य में लोकसभा चुनावों के आखिरी चरण में आतंकी हिंसा, बम विस्फोटों और पत्थरबाजी की घटनाओं के बावजूद बारामुल्ला के वोटरों ने वर्ष 2009 के मतदान से ज्यादा वोट डालकर भारतीय लोकतंत्र की लाज रख ली। हालांकि लद्दाख के मतदाताओं ने भी जमकर मतदान किया।

कश्मीर में बुधवार को दो लोकसभा संसदीय क्षेत्र बारामुल्ला और लद्दाख के मतदाताओं ने अलगाववादियों के चुनाव बहिष्कार के आह्वान और आतंकवादी हमले की धमकी को धता बताकर मतदान किया। बारामुल्ला में मतदान बढ़ा और लद्दाख में मतदान में तेजी दर्ज की गई। अधिकारियों ने बताया कि बारामुल्ला के तीन जिलों में दोपहर 3 बजे तक 40 प्रतिशत और लद्दाख में 50 परसेंट मतदान हुआ था।

बारामुल्ला में मतदान के दौरान जमकर हिंसा भी हुई और पत्थरबाजों ने जम कर कई मतदान केंद्रों पर पथराव कर लोगों को मतदान करने से रोका। हालांकि कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी के गृह कस्बे सोपोर में सबसे कम मतदान 0.88 परसेंट हुआ तो पाकिस्तान से सटी एलओसी के गांवों में जमकर मतदान हुआ।
उत्तरी कश्मीर के बारामल्ला संसदीय क्षेत्र में हालांकि मतदान प्रक्रिया काफी सुस्त रही।

बारामुल्ला शहर में पहले दो घंटों में कोई भी मतदान के लिए नहीं पहुंचा, जहां कानून-व्यवस्था की दृष्टि से 11 मतदान केंद्र बनाए गए थे। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा तथा हंडवाड़ा शहरों में हालांकि कुछ लोग मतदान के लिए केंद्रों पर पहुंचे। पट्टन, सोपोर, संबल और हाजिन में भी मतदान केंद्रों पर लोगों की भीड़ कम रही। बारामुल्ला कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सईद अली गिलानी का गढ़ है, जिन्होंने कश्मीर घाटी में चुनाव बहिष्कार का आह्वान किया था।

सूत्रों के अनुसार पलहालन के एक स्कूल में स्थित मतदान केन्द्र पर कुछ अज्ञात लोगों ने बम से हमला किया, जिसमें वहां तैनात एक सुरक्षाकर्मी घायल हो गया। इसके अलावा इस क्षेत्र में पथराव की कुछ घटनाएं भी सामने आई। सूत्रों ने बताया कि चुनाव का विरोध कर रहे लोगों ने इन घटनाओं को अंजाम दिया है। इससे पहले सोपोर में चुनाव डयूटी पर तैनात सुरक्षाबलों पर कल देर रात अज्ञात बंदूक धारियों ने हमला कर दिया था, जिसमें एक असिस्टेंट कमांडेंट सहित तीन जवान घायल हो गए।

बारामुल्ला में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार शरीफ-उद-दीन शरीक और प्रांतीय पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के उम्मीदवार मुजफ्फर हुसैन बेग के बीच है। चुनाव मैदान में 13 अन्य उम्मीदवार भी हैं। बारामुल्ला संसदीय क्षेत्र में 11.89 लाख मतदाता हैं। वर्ष 2009 में यहां 41.84 प्रतिशत मतदान हुआ था।

वहीं, लद्दाख संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले कारगिल जिले के गोमा मतदान केंद्र पर सुबह सात बजे मतदान प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही महिला-पुरुष मतदाताओं की कतार लग गई थी। कारगिल में 3 बजे तक 52 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जबकि लेह जिले में 49 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। लेह जिले में एक सहायक निर्वाचन अधिकारी गुलाम अहमद ने बताया, वे अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए बड़ी संख्या में बाहर निकले हैं।

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