मुंबई। भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के पास पिछले 3 लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े मामलों का रिकॉर्ड या आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।
मुंबई स्थित आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सूचना के अधिकार कानून के तहत इस आशय की जानकारी मांगी थी।
उन्होंने जानना चाहा था कि चुनाव आयोग ने इस अवधि में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में न्यूनतम और अधिकतम क्या कार्रवाई की?
चुनाव आयोग के सचिव एके पाठक ने आरटीआई के तहत बताया कि आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े मामलों की स्थिति के बारे में चुनाव आयोग कोई आंकड़ा या रिकॉर्ड नहीं रखता है।
अधिकारी ने कहा कि आचार संहिता उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई के बारे में आयोग के लिए कोई मानक नीति या कानूनी प्रावधान का उल्लेख नहीं है।
पाठक ने कहा कि किसी उल्लंघन के मामले में निर्णय करने के लिए विशिष्ट समयसीमा का उल्लेख नहीं है और प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाती है।
चुनाव आयोग ने कहा कि चूंकि आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े मामलों का रिकॉर्ड या आंकड़ा नहीं रखा जाता है इसलिए आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी को आरटीआई अधिनियम 2005 की धारा 7 (9) के तहत रद्द समझा जाए।
पाठक ने कहा कि आंकड़ों का रिकॉर्ड रखने में चुनाव आयोग के संशाधनों पर अनावश्यक रूप से भार पड़ेगा। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता गलगली ने कहा कि यह दुखद है कि उल्लंघन करने वाले राजनीतिकों पर आयोग के कार्रवाई करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है। (भाषा)