ट्रिपल सेवन का विरल संयोग

शनिवार, 7 जुलाई 2007 (19:39 IST)
कैलेंडर में ट्रिपल सेवन यानी तीन सात का अद्भुत संयोग 7 जुलाई को पड़ रहा है। ऐसा संयोग सौ साल बाद बनता है।

यूँ भी सात का अंक धार्मिक सामाजिक दृष्टि से शुभ माना जाता है। मसलन सात सुर, सात रंग, सात दिन या सात समुंदर वगैरह। ज्योतिषियों की नजर में इस विरल अंक संयोग को लेकर मतभेद हैं।

वार्षिक कैलेंडर में एक से तीन अंकों का खूबसूरत संयोग सौ साल में एक बार ही देखने को मिलता है, लेकिन तीन सात का यह शुभ संयोग इसलिए बहुत खास है, क्योंकि यह अंक सभी संस्कृतियों में बहुत प्रभावी माना जाता है। सात रंग, सात दिन, सात समंदर, सात सुर से सात के महत्व को जाना जा सकता है। हिन्दू संस्कृति में भी सप्तऋषि, सात फेरे और सात जन्म के प्रतीक सात की महिमा का गुणगान करते हैं।

सात जन्मों तक शादी का बंधन : अंक ज्योतिषी डॉ. विजयसिंह परमार के अनुसार तीन सत्तों का यह संगम बहुत शुभ फल देने वाला है। अंकों का गणित कहता है कि इस दिन शादी करने वाला युगल सात जन्मों तक एक दूसरे का साथ निभाएगा। डॉ. परमार के कथन के प्रभाव का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरी दुनिया के साथ-साथ राजधानी में भी इस दिन 100 से ज्यादा जोड़े विवाह बंधन में बँध रहे हैं।

वैनाथ ज्योतिषिक परामर्श केंद्र भोपाल के पंडित राजेश दुबे इसे पंचम युति योग बता रहे हैं क्योंकि भारतीय पंचांग में भी 7 जुलाई 07 को सप्तमी तिथि व वार के क्रम पर शनिवार सातवाँ दिन है। पं. दुबे के मुताबिक वेदों, पुराणों व शास्त्रों में सात अंक का बड़ा महत्व है।

महज अंकीय संयोग : उज्जैन के ज्योतिषी पं. राजेश मिश्रा के अनुसार हिन्दू समाज में मुहूर्त अनुसार विवाह संपन्न होते हैं। फिर तारीख, माह, साल कोई भी हो।

इंदौर के गणेश ज्योतिष परामर्श केंद्र के संचालक पं. जुगल किशोर त्रिवेदी ट्रिपल सेवन को ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वहीन बता रहे हैं। भोपाल के ज्योतिष विद्वान एमएस श्रीवास्तव का कहना है कि प्रत्येक वर्ष इस तरह की अंकीय स्थिति आती है। शास्त्रों में इसका कोई उल्लेख नहीं है।

युवाओं के लिए खास रहेगा यह दिन : हकीकत जो भी हो, लेकिन सात के इस संयोजन को लेकर युवा बहुत उत्साह में हैं और अपने-अपने अंदाज में इस दिन को अपने लिए शुभ बनाना चाहते हैं।

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