भारतीय आध्यात्मिक नेता श्री श्री रविशंकर ने ‘योग एवं ध्यान के जरिए शांति का विकास’ विषय पर आयोजित वार्ता में आज की दुनिया में योग की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा कि यह सिर्फ शरीर में लचीलेपन के बारे में नहीं है, यह मस्तिष्क एवं सोच में लचीलेपन के बारे में भी है।