देह व्यापार मामले में भारतीय-अमेरिकी दोषी करार

न्यूयॉर्क। एक मोटल के 74 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी मालिक ने देह व्यापार के लिए तस्करी करने वालों से वित्तीय लाभ प्राप्त करने के मामले में अपना दोष स्वीकार कर लिया।

 
कानुभाई पटेल अधिक दाम लेकर तस्करों को कमरे किराए पर देता था और वे तस्कर महिलाओं को देह व्यापार के लिए मजबूर करने की खातिर कमरों में मारते-पीटते थे।
 
अदालत में पेश सबूतों के अनुसार पटेल ने तस्करों द्वारा पीटे जाने पर मदद के लिए चिल्लाने वाली महिलाओं की चीखों को नजरअंदाज किया। इस मामले में उसे अधिकतम 5 वर्ष कारावास की सजा हो सकती है।
 
पटेल ने स्वीकार किया कि जब वह लुइसियाना की न्यू ओरलियांस सिटी में एक मोटल का मालिक था तो उसने नियमित रूप से तस्करों को अधिक दाम पर कमरे किराए पर दिए। पटेल जानता था कि ये दलाल महिलाओं को जबरन वेश्यावृत्ति में धकेल रहे हैं।
 
पटेल ने कहा कि हालांकि उन्होंने निजी तौर किसी महिला को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर नहीं किया, लेकिन उन्होंने इस काम से वित्तीय लाभ प्राप्त किया।
 
लुइसियाना के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट में अमेरिका के अटॉर्नी केनेथ एलेन पोलाइट जूनियर ने कहा कि बचावकर्ता को देह व्यापार के लिए तस्करी के इस काम से वित्तीय लाभ हुआ।
 
उन्होंने कहा कि इन अपराधों का अक्सर पता नहीं चल पाता है, क्योंकि पीड़ित महिलाएं शारीरिक उत्पीड़न और जबरदस्ती किए जाने के डर के साये में जीती हैं। मेरा कार्यालय उन लोगों या संगठनों के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो इस अवैध काम से लाभ अर्जित करते हैं। (भाषा)

 

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