एक महिला द्वारा सबवे में ट्रेन के आगे धक्का देने के कारण जान गंवाने वाले 46 वर्षीय भारतीय आव्रजक सुनन्दो सेन का उनके मित्रों और कारोबारी सहयोगियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। भारतीय वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि सेन का अंतिम संस्कार गत दिवस न्यूयार्क में किया गया। उस दौरान उनके मित्र, कारोबारी सहयोगी और वाणिज्य दूतावास के प्रतिनिधि मौजूद थे।
कोलंबिया विश्वविद्यालय के समीप अपना प्रिंटिंग का कारोबार चलाने वाले सेन को 27 दिसंबर को क्वीन्स सबवे स्टेशन पर 31 साल की एक महिला एरिका मेनेन्डेज ने सामने से आ रही ट्रेन के आगे धक्का दे दिया था। सेन अविवाहित थे और भारत में उनका कोई परिवार भी नहीं है। वह पिछले 16 साल से एक छोटे से अपार्टमेंट में अपने कुछ साथियों के साथ रह रहे थे।
अधिकारी ने सेन की मौत को अत्यंत दुखद बताते हुए कहा कि उनके मित्र सदमे में हैं। अंतिम संस्कार की व्यवस्था के लिए सेन के मित्रों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास से संपर्क किया था।
एरिका मेनेन्डेज पर नफरत की वजह से अपराध करने के कारण हत्या का आरोप लगाया गया है। पिछले सप्ताह सुनवाई के दौरान उसने कहा था कि उसने सेन को मुस्लिम समझा और उसे लगा कि उसे धक्का दे देना ही अच्छा रहेगा। इसके बाद न्यायाधीश ने एरिका की मनोवैज्ञानिक जांच के आदेश दे दिए। (भाषा)