गौरतलब है कि भारतीय आईटी पेशेवर अमेरिका में नौकरी के लिए इस वीजा का उपयोग करते हैं। आव्रजन एवं सीमा सुरक्षा पर हाउस ज्यूडीशियरी उप-समिति के अध्यक्ष सीनसीनब्रेनर ने फोर्ब्स मैगजीन के संपादकीय में लिखा, 'वर्तमान प्रणाली में सालाना 85 हजार एच-1बी वीजा लॉटरी प्रणाली के जरिए आवंटित किए जाते हैं। अगर अमेरिका आने के लिए प्रतिस्पर्धा है, तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमें जो मिले वह सर्वश्रेष्ठ हो और बेहतरीन हो।'
उन्होंने कहा कि उच्च मानक और सख्त योग्यताओं को लागू किया जाना चाहिए। वह नौकरी जो अमेरिकी द्वारा भरी जा सकती है, उसे कम राशि के लिए वीजाधारकों को नहीं दिया जाना चाहिए। सांसद ने कहा कि 80 फीसदी एच-1बी वीजाधारकों को सामान्य से कम वेतन मिलता है। यह न केवल वीजा प्रणाली का उल्लंघन है बल्कि अमेरिकियों के लिए भी नुकसानदेह हैं। बीते महीने ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीसा प्रणाली में सख्ती के लिए शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।