जनरल फिजिशियन डॉ. बलविंदर मेहत पर चार साल पहले तीन महीने के बच्चे का बिना चिकित्सकीय कारणों के खतना करने का आरोप लगा था। नाटिंघमशायर पुलिस के मुताबिक, क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) को लगा कि दोषसिद्धि की कोई वास्तविक संभावना नहीं है। उन्होंने घटना की पूरी तरह जांच की थी।