मनोज त्रिपाठी ने बताया कि आरटीआई में आए जवाब से साफ है कि प्राइवेट कॉलेजों ने मनमाने तरीके से पैसे लेकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्रों को एडमिशन दिया है। त्रिपाठी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस फर्जीवाड़े को लेकर कार्रवाई नहीं की जाती है तो फिर वे उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाएंगे।