दिखावे के होंठ और आज-कल के तोते

PR
लिपस्टिक स्त्री को बदसूरत कर देती है- जो भी नकली है वह लोगों को बदसूरत बना देता है। मैं सोच भी नहीं सकता कि किसी भी पुरुष में जरा भी समझ हो तो उस स्त्री का चुंबन लेगा जिसने लिपस्टिक लगाई हुई है!...वह लिपस्टिक चीन की दीवाल की तरह है- तुम किसी भी तरह से उस स्त्री तक नहीं पहुँच सकते। जिस पल मैं लिपस्टिक देखता हूँ, मैं जानता हूँ कि यह स्त्री नकली है, यह मात्र मुखोटा है।

कुछ दिनों पहले, बहुत अमीर युवा स्त्री मुझ से मिलने आई। वह अखबार और पत्रिका की मालकिन है। वह मेरे बारे में कहानी लिखना चाहती थी, और वह मेरे साथ फोटो भी चाहती थी।

आनंदो ने मुझे बताया कि वह बहुत सुंदर स्त्री है। जब मैंने उसे देखा, मैंने सिर्फ लाल लिपस्टिक देखी और कुछ नहीं दिखा। मैंने उसके चेहरे से बचने की कोशिश की, और मैंने आनंदो से कहा, 'तुम मुझ से कह रही थी कि ये स्त्री सुंदर है? तुमने इसकी लिपस्टिक नहीं देखी?

वर्तमान गुरु : तोता रट

लोग ईमानदारी भूल चुके हैं। जब वे अपने देश या शहर जाते हैं और केंद्र की शुरुआत करते हैं- उनमें से कुछ इस तरह से व्यवहार करने लगते हैं मानो उन्होंने ये बातें कही हों। वे अपने आपको बुद्ध जताने लगते हैं कि वे गुरु हैं।

यदि तुम बुद्ध हो तो कोई समस्या नहीं है, यदि तुम गुरु हो तो भी कोई बात नहीं, लेकिन तुम नहीं हो! और वे मेरे पास आते- चले जाते हैं, और उसी तरह के मूर्खतापूर्ण प्रश्न पूछे चले जाते हैं जैसा कि पहले पूछते थे, लेकिन फिर वे अपने शहर जाते हैं और ऐसा व्यवहार करने लगते हैं ‍जैसे कि वे बुद्ध हैं, वे गुरु हैं। वे मेरे शब्दों को दोहराते हैं!


साभार : आय सेलिब्रेट माय सेल्फ- गॉड इज नो व्हेयर, लाइफ इज नाऊ हियर/ आह दिस
सौजन्य : ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन

वेबदुनिया पर पढ़ें