त्योहारों का राजा है वसंत!

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वेलेंटाइन डे बीत गया। प्रेमियों के मेले अब की बार भी लगे। महीनों से इस दिन के इंतजार में रहने वाले प्रेमी जोड़ों की मुस्कान कम पड़े इससे पहले ही वसंत ऋतु बाँहें फैलाए स्वागत में जुट गई है जहाँ हर दिन वेलेंटाइन है। फूलों से लदी हर डाली प्यार के राग गा रही है। पेड़ों के कोमल पत्ते कुछ कह रहे हैं। हर दिल घूमने का एक बहाना ढूँढ़ रहा है।

सुहाना मौसम प्रेमी-प्रेमिकाओं को ही नहीं, दूसरों को भी घरों से बाहर खींचने पर मजबूर कर रहा है। लेकिन वेलेंटाइन डे पर प्रेम प्रदर्शन की इस कदर बाढ़ आ जाती है कि उसके वास्तविक होने पर संदेह होने लगता है।

यह सोचकर आश्चर्य होता है कि ये लोग साल भर अपना प्रेम कहाँ छिपाए हुए थे। इससे लगता है कि यह दिन किसी गहरी प्रतिबद्धता पर टिका हुआ प्रतीत नहीं होता। इसलिए वेलेंटाइन दिवस के समारोही वातावरण को कोसने की जरूरत नहीं है। नौजवानों को यह याद दिलाने की जरूरत है कि रास-रंग के साथ-साथ प्रेम के और भी आयाम होते हैं। पूरी वसंत ऋतु ही इसके लिए उपयुक्त है, जिसका हर दिन मुहूर्त ही मुहूर्त है। हर दिन अपने आप में वेलेंटाइन है। सिर्फ जीने का नजरिया बदलने की जरूरत है।

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वसंत को त्योहारों का राजा ऐसे ही नहीं कहा जाता है। कहते हैं कि वसंत दिल की एक तरंग है जो मस्ती और ताजगी देती है। इस मौसम में शाम तो सुहानी होती ही है, दिन भी मस्ती के रंग में रंगे होते हैं। पेड़-पौधों पर उगते नए पत्ते, कोयल की कुहू-कुहू और फूलों की खुशबू चारों ओर मुरझाए जीवन में नया संचार करते हैं। इसी महीने में वसंत उत्सव मनाया जाता है जिसे नई उमंगों के रूप में सब अपने-अपने ढंग से मनाते हैं।

हर तरफ खिले रंगबिरंगे फूल अहसास दिलाते हैं कि नए साल के आगमन के बाद सब कुछ नया-नया है। मौसम का गरम होना, पौधों का हरा-भरा होना और बर्फ का पिघलना ही वसंत है। इसके साथ होली के गहरे रंग भी झलकने लगते हैं। रंगों की बौछार, मस्ती, हुड़दंग, भांग की तुनक... इन सबको एक साथ मिला दें तो बनती है वसंत बहार। तभी तो एक गीत है 'तुम हो तो हर रात दिवाली हर दिन मेरी होली है।' तो आइए वसंत दिवस में अपने जीवन को खुशियों के रंग से भर दें।

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