क्यों रखते हैं व्रत : मान्यता के अनुसार यह व्रत कार्य की सिद्धि के लिए किया जाता है। यह भी कहा जाता है कि जब हमारी कोई इच्छापूर्ण नहीं होती है तो आसामाई को प्रसन्न करके जीवन को सुंदर बनाया जाता है। फिर जीवनभर हर साल उनकी पूजा करना होगी है। यह व्रत वे महिलाएं करती हैं जिसने संतात होती हैं। इस दिन भोजन में नमक का प्रयोग वर्जित होता है।
4. षोडोषपचार पूजा करके भोग लगाते हैं।
5. भोग के लिए 7 आसें एक प्रकार बनाई जाती हैं। इसे व्रत करने वाली स्त्री ही खाती है।
6. फिर भोग लगाते समय इस मांगलिक सूत्र को धारण करते हैं।
7. इसके बाद घर का सबसे छोटा बच्चा कौड़ियों को पटिये पर डालता है।
8. स्त्री उन कौड़ियों को अपने पास रखती हैं और हर वर्ष इनकी पूजा करती है
9. अंत में भोग सभी को प्रसाद रूप में वितरित किया जाता है।