4) अनाज
5) तुलसी के पत्ते
6) कुमकुम, हल्दी, सिंदूर, अबीर, गुलाल, चंदन चूरा
* इस दिन महिलाएं संतान प्राप्ति व उनकी सलामती के लिए पूजा करती हैं।
* इस पूजा में पूरा परिवार व बच्चे शामिल होते हैं।
* महिलाएं सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि करें और आंवला के पेड़ की पूजा करें।
* साथ ही परिक्रमा भी करें।
* इस दिन आंवले का सेवन किसी न किसी रूप में अवश्य करें।
सबसे पहले पेड़ के आसपास फल, फूल, धूप, दीपक, अनाज, तुलसी पत्ते, कुमकुम, हल्दी, सिंदूर, अबीर, गुलाल, चंदन चूरा और नारियल के साथ पूरी पूजा सामग्री सजा लें। फिर मीठे गुलगुले, पुए और शहद का भोग लगाएं। स्वयं प्रसाद ग्रहण करें और परिवार में बांटें। हरी श्रृंगार सामग्री किसी नवविवाहिता को दें। अन्य दान सामग्री ब्राह्मणों को दें।