Bada Mahadev Pujan : प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन बड़ा महादेव का पूजन किया जाता हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 20 जून 2024 को यह पूजा की जा रही है। खासकर यह पर्व मध्यप्रेदश के पचमढ़ी में मनाया जाता है। इस अवसार पर यहां पर मेला भी लगता है। दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं और बड़ा महादेव की पूजा करते हैं। आओ जानते हैं कि बड़ा महादेव पूजा की विधि, मुहूर्त और महत्व।ALSO READ: श्री शिव प्रात: स्मरण स्तोत्रम् | Shri Shiv Pratah Smaran Stotram
बड़ा महादेव पूजा का महत्व : महादेव यात्रा के दौरान यहां पर अपना त्रिशूल छोड़कर चले गए थे। तभी से मन्नत पूर्ण होने पर यहां पर त्रिशूल छोड़ने की परंपरा बन गई है। यह कहावत है कि महादेव दर्शन हेतु जाने से पहले, भूर भगत (छिंदवाड़ा) को पार करना आवश्यक है। किवदंतियों के अनुसार चौरागढ़ की पहाड़ियों में साधना के दौरान भूरा भगत महराज को महादेवजी ने दर्शन दिए थे।
20 जून 2024 के शुभ मुहूर्त:-
ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:03 से 04:44 तक।
प्रातः सन्ध्या: प्रात: 04:24 से 05:24 तक।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:55 से दोपहर 12:51 तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:43 से 03:38 तक।
गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:21 से रात्रि 07:41 तक।
सायाह्न सन्ध्या: शाम 07:22 से रात्रि 08:22 तक।
अमृत काल: शाम 07:26 से रात्रि 09:05 तक।
योग : इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग रहेगा।
महादेव की पूजा :
1. इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है।
2. इस दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें।
3. उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित कर उनका जलाभिषेक करें।
4. फिर शिवलिंग पर दूध, फूल, धतूरा आदि चढ़ाएं।
5. मंत्रोच्चार सहित शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल एवं बेल की पत्तियां चढ़ाएं।
6. माता पार्वती जी को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं
7. इसके बाद उनके समक्ष धूप, तिल के तेल का दीप और अगरबत्ती जलाएं।
8. इसके बाद ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
9. पूजा के अंत में शिव चालीसा और शिव आरती का पाठ करें।
10. पूजा समाप्त होते ही प्रसाद का वितरण करें।
11. महादेव पूजा के बाद बड़ा महादेव की कथा आवश्यक सुनें या पढ़ें।