श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रुप में जाना जाता है। यह एक प्रकार से भारतीय पर्यावरण दिवस है। यह दिन खेती-किसानी करने वालों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। इस दिन पौधरोपण का विशेष महत्व है। इस दौरान कृषक बारिश का पूर्वानुमान लगाते हैं, ताकि कृषि कार्य की आरंभिक प्रक्रिया को शुरू किया जा सके।
हरियाली अमावस्या के दिन पौधारोपण करना शुभ माना जाता है। वैसे भी पेड़-पौधे हमारी आस्था के साथ ही जीवन शक्ति से जुड़े हुए हैं। अलग-अलग पेड़-पौधों में विभिन्न देवताओं का भी वास माना जाता है।
जैसे पीपल वृक्ष में त्रिदेव के साथ ही अन्य देवताओं का वास माना गया है।
इसी तरह केला और आंवला वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। हरियाली अमावस पर खास पौधे लगाने और उनकी पूजा करने से शुभ फल के साथ ही ईश्वर की कृपा भी प्राप्त होती है।
हरियाली अमावस्या पर पौधारोपण अगर श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त में किए जाएं तो वे शुभ फलदायी होते हैं। ज्योतिष के मुताबिक रोहिणी, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढा, उत्तरा भाद्रपदा, अनुराधा, पुष्य, श्रवण, हस्त, अश्विनी, मूल और विशाखा नक्षत्र में पौधारोपण शुभ होता है।