इतिहास, महत्व एवं परंपरा- जिउतिया व्रत में सरगही या ओठगन की परंपरा भी है। इस व्रत में सतपुतिया की सब्जी का विशेष महत्व है। रात को बने अच्छे पकवान में से पितरों, चील, सियार, गाय और कुत्ता का अंश निकाला जाता है। सरगी में मिष्ठान आदि भी होता है। जीवित्पुत्रिका व्रत इस वर्ष 27 से 29 सितंबर तक मनाया जाएगा और यह व्रत 28 सितंबर 2021 को शुरू होगा। इस बार जीवित्पुत्रिका व्रत की समयावधि को लेकर हिंदू पंचांग के अंतर आने के कारण यह व्रत दो दिनों का है। 27 सितंबर को नहाय-खाय और ओठगन का समय प्रात: 4 बजे तक रहा और उसके बाद 28 सितंबर को निर्जला व्रत शुरू होगा और 29 सितंबर को शाम तक जारी रहेगा।