मौनी अमावस्या पर करें पवित्र नदियों में स्नान, मिलेगी पापों से मुक्ति...

* मौनी अमाव
* मौनी अमावस्या का धार्मिक महत्व जानिए 
 

 
 
महाभारत के एक दृष्टांत में इस बात का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि माघ मास के दिनों में अनेक तीर्थों का समागम होता है, वहीं पद्म पुराण में कहा गया है कि अन्य मास में जप,  तप और दान से भगवान विष्णु उतने प्रसन्न नहीं होते जितने कि वे माघ मास में स्नान करने  से होते हैं।

रहस्यमयी होती है अमावस्या, नकारात्मक शक्ति का रहता है प्रभाव
 
यही वजह है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का खास महत्व का माना गया है। यह अमावस्या स्नान, दान और पुण्य के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए कई हजार गुणा  फलदायी मानी गई है। 
 
27 जनवरी, शुक्रवार को वर्ष 2017 की पहली मौनी अमावस्या है। मौनी अमावस्या यानी भगवान ब्रह्मा के स्वयंभू पुत्र ऋषि मनु। इन्होंने आजीवन मौन रहकर तपस्या की थी इसीलिए  इस तिथि को मौनी अमावस्या कहा जाता है।

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इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है। इस दिन त्रिवेणी स्थल (3 नदियों का संगम) पर स्नान करने से तन की शुद्धि, मौन रहने से मन की शुद्धि और दान देने से धन की शुद्धि और वृद्धि होती है। 

पितृ दोष दूर करने के लिए विशेष है अमावस्या के दिन

 
शास्त्रों के अनुसार इस दिन गंगाजी में स्नान करने से दैहिक (शारीरिक), भौतिक (अनजाने में  किया गया पाप), दैविक (ग्रहों, गोचरों का दुर्योग) तीनों प्रकार के मनुष्य के पाप दूर हो जाते हैं।

इस दिन स्वर्ग लोक के सारे देवी-देवता गंगा में वास करते हैं, जो पापों से मुक्ति देते हैं। यह चन्द्र तथा राहु प्रधान होती है इसलिए जिस व्यक्ति की पत्रिका में इन ग्रहों से संबंधित परेशानियां हों, इस दिन उपाय करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है।

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