10 दिसंबर 2021, दिन शुक्रवार को नंदा सप्तमी पर्व (Nanda Saptami 2021) मनाया जा रहा है। यह पर्व प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से सूर्यदेव, भगवान श्री गणेश और देवी नंदा इन तीनों का पूजन किया जाता है।
धार्मिक मान्यतानुसार नंदा सप्तमी पर व्रत-पूजन से मन को शांति मिलती है। यह व्रत सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला भी माना गया है। इस बार शुक्रवार को अभिजित और विजय मुहूर्त में नंदा सप्तमी का पूजन करना अतिलाभदायी रहेगा, क्योंकि ये दोनों ही मुहूर्त कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं। शुक्रवार के दिन राहुकाल की अवधि में पूजन करने से बचना उचित रहेगा। मार्गशीर्ष सप्तमी के सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करके सूर्य मंत्र और श्री गणेश के मंत्र का जाप करना चाहिए। know Worship details यहां पढ़ें विशेष जानकारी-
कौन हैं नंदा देवी- Nanda Devi Information
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार नंदा देवी माता पार्वती का स्वरूप मानी जाती है। नंदा देवी को नवदुर्गा में से एक देवी माना जाता है। इनका पूजन प्राचीन काल से ही हिमालय क्षेत्र में किया जाता रहा है। नंदा सप्तमी के खास अवसर पर आप माता पार्वती के नंदा स्वरूप देवी का पूजन करके सुखी जीवन की कामना का वरदान प्राप्त कर सकते हैं।
नंदा सप्तमी 2021 पूजन के मुहूर्त- Nanda Saptami Date n Muhurat
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी तिथि का प्रारंभ 9 दिसंबर 2021, गुरुवार को सायंकाल 07.53 मिनट होगा और शुक्रवार, 10 दिसंबर को सायं 07.09 मिनट पर सप्तमी तिथि समाप्त होगी।
नंदा सप्तमी 10 दिसंबर 2021, शुक्रवार को पूजन का अतिशुभ समय-
* अभिजित मुहूर्त- दिन में 11.53 मिनट से दोपहर 12.35 मिनट रहेगा।
* विजय मुहूर्त दोपहर 01.58 मिनट से दोपहर 02.39 मिनट तक।
राहुकाल- शुक्रवार के दिन में 10.56 मिनट से दोपहर 12.14 मिनट तक।
पूजन विधि- Nanda Saptami Worship
इस दिन प्रातःकाल दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर सूर्यदेव को जल से अर्घ्य दें। सूर्य मंत्र का जाप करें। तत्श्चात प्रथम पूज्य श्री गणेश का पूजन करके देवी नंदा या पार्वती माता का पूजन करके आरती करें। इस दिन माता पार्वती के मंत्र, पार्वती चालीसा और नवदुर्गा का पूजन करें। श्री गणेश और माता पार्वती के साथ शिव जी का पूजन अवश्य ही करें।
पढ़ें ये मंत्र- Mantras
सूर्य मंत्र- Surya Dev ke Mantra
ॐ सूर्याय नम:।
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।
ॐ सूर्याय नम:।
गणेश मंत्र- Genesh Mantra
ॐ गं गणपतये नम:
गणेश गायत्री मंत्र- एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।