• फुलैरा दूज पर राधा-कृष्ण ने खेली थी पुष्पों की होली।
Story Phalguna Dooj : हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार प्रतिवर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाने वाला फुलेरा दूज पर्व होली के आगमन का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार का ब्रजभूमि के कृष्ण मंदिरों में बहुत अधिक महत्व हैं। आइए यहां जानते हैं कृष्ण राधा की कहानी/ फुलैरा दूज की कथा...
फुलेरा दूज कथा-
फुलैरा या फुलेरा दूज की पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण अपनी व्यस्तता के कारण कई दिनों से राधा जी से मिलने वृंदावन नहीं आ रहे थे। राधा के दुखी होने पर गोपियां भी श्री कृष्ण से रूठ गई थीं। राधा के उदास होने के कारण मथुरा के वन सूखने लगे और पुष्प मुरझा गए। उन वनों की स्थिति के बारे में जब श्री कृष्ण को पता चला तो वह राधा से मिलने वृंदावन पहुंचे।
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