भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को संतान सप्तमी व्रत किया जाता है। आज यानी 5 सितंबर, गुरुवार को किया जा रहा है। यह व्रत संतान की प्राप्ति, उसकी कुशलता और उन्नति के लिए किया जाता है।
जानिए संतान सप्तमी का व्रत करने की सरल विधि -
संतान सप्तमी के दिन सुबह ज्ल्दी उठकर, स्नानादि करके स्वच्छ कपड़े पहनें और भगवान शिव और मां गौरी के समक्ष प्रणाम कर व्रत का संकल्प लें।
इसके लिए खीर-पूरी व गुड़ के 7 पुए या फिर 7 मीठी पूरी तैयार कर लें।
यह पूजा दोपहर के समय तक कर लेनी चाहिए।
अब कलश स्थापित करें, उसमें आप के पत्तों के साथ नारियल रखें।
दीपक जलाएं और आरती की थाली तैयार कर लें जिसमें हल्दी, कुंकुम, चावल, कपूर, फूल, कलावा आदि अन्य सामग्री रखें।
यह व्रत माता-पिता दोनो भी संतान की कामना के लिए कर सकते हैं।
पूजन के बाद धूप, दीप नेवैद्य अर्पित कर संतान सप्तमी की कथा पढ़ें या सुनें और बाद में कथा की पुस्तक का पूजन करें।