हिंदू धर्म ग्रंथों में भी इस पूर्णिमा को विशेष बताया गया है।
शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सुबह उठकर व्रत करके अपने इष्ट देव का पूजन करना चाहिए। इंद्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर, गंध पुष्प आदि से पूजन करना चाहिए।
- इस व्रत को मुख्य रूप से स्त्रियों द्वारा किया जाता है।
- इस दिन चंद्रमा उदय की दिशा में लकड़ी की चौकी पर (सातिया) स्वास्तिक बनाकर उस पर पानी का लोटा भरकर रखें।