Vinayak Chaturthi : पुराणों के अनुसार प्रतिमाह आने वाली कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को श्री गणेश का व्रत किया जाता है। वर्ष 2024 में विनायकी चतुर्थी व्रत 10 जून, सोमवार को पड़ रहा हैं।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस बार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का यह व्रत भगवान श्री गणेश को समर्पित होने के कारण यह व्रत रखने के श्री गणेश प्रसन्न होकर वरदान देते हैं।
यहां पढ़ें पूजन सामग्री, और पूजा विधि के बारें में...
पूजा विधि- Puja Vidhi
- ज्येष्ठ विनायक चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करके लाल वस्त्र धारण करें।
- पूजन के समय अपने सामर्थ्यनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित शिव-गणेश प्रतिमा स्थापित करें।
- संकल्प के बाद विघ्नहर्ता श्री गणेश का पूरे मनोभाव से पूजन करें।
- फिर अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र चावल आदि चढ़ाएं।
- 'ॐ गं गणपतयै नम: या 'श्री गणेशाय नम:' मंत्र बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं।
- अब श्री गणेश को मोदक का भोग लगाएं।
- इस दिन मध्याह्न में गणपति पूजा में 21 मोदक अर्पण करते हुए, प्रार्थना के लिए निम्न श्लोक पढ़ें-
'विघ्नानि नाशमायान्तु सर्वाणि सुरनायक।
कार्यं मे सिद्धिमायातु पूजिते त्वयि धातरि।'
- पूजन के पश्चात् आरती करें।
आज के दिन गणेश चतुर्थी कथा का पाठ करें।
- अपनी शक्तिनुसार उपवास करें अथवा शाम के समय खुद भोजन ग्रहण करें।
विनायक चतुर्थी सामग्री- Vinayak Chaturthi Puja Samgri List
लकड़ी की चौकी,
गणेश प्रतिमा,
लाल कपड़ा,
कलश,
नारियल,
सुपारी,
पंचमेवा,
घी,
मोदक,
कपूर,
रोली,
अक्षत,
कलावा,
जनेऊ,
गंगाजल,
इलायची,
लौंग,
चांदी का वर्क,
पंचामृत,
फल,
मिठाई।
विनायक चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त :
ज्येष्ठ, शुक्ल चतुर्थी तिथि का प्रारंभ- 09 जून 2024 दोपहर 03:44 मिनट से होकर
10 जून 2024, सोमवार शाम 04:14 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी।
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