देव प्रबोधिनी एकादशी को देवउठनी ग्यारस और देव उत्थान एकादशी भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस दिन देवता गण के उठने से मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाता है। इस एकादशी को सभी एकादशी में बड़ी और पवित्र माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न किया जाता है। एकादशी पर अवश्य पढ़ें भगवान विष्णु के सरलतम मंत्र-
* भगवान विष्णु का स्मरण कर 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' इस द्वादश मंत्र का जाप करें।
* लक्ष्मी विनायक मंत्र -
दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
* विष्णु के पंचरूप मंत्र -
ॐ अं वासुदेवाय नम:
ॐ आं संकर्षणाय नम:
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
ॐ नारायणाय नम:
* गुम वस्तु की कामना को उच्चारण कर भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्रधारी रूप का ध्यान करें एवं इस मंत्र का विश्वासपूर्वक जप करें।
- ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
* सरल जाप -
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
* धन संपन्नता व दरिद्रता से मुक्ति की कामना का मंत्र