Anant chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी के दिन बाजू पर धागा क्यों बांधते हैं?

WD Feature Desk

शनिवार, 30 अगस्त 2025 (15:53 IST)
Anant chaturdashi 2025: इस बार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी यानी अनंत चतुर्दशी 06 सितंबर 2025 शनिवार के दिन रहेगी। इसी दिन गणपति विसर्जन होगा। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा होती है। पूजा के दौरान बाजू पर अनंत नाम का धागा बांधते हैं। इस दिन श्री हरि की पूजा करके तथा अपने हाथ के ऊपरी भाग में या गले में धागा बांध कर या लटका कर (जिस पर कोई भी पवित्र विष्णु मंत्र पढ़ा गया हो) व्रती अनंत व्रत को पूर्ण करता है।
 
क्या होता है अनंत सूत्र: अनंत राखी के समान रूई या रेशम के कुंकू रंग में रंगे धागे होते हैं और उनमें 14 गांठें होती हैं। इन्हीं धागों से अनंत का निर्माण होता है। हरि अनंत हैं और 14 गांठ हरि द्वारा उत्पन्न 14 लोकों की प्रतीक हैं। श्री कृष्ण कथन के अनुसार 'अनंत' उनके रूपों का एक रूप है और वे काल हैं जिसे अनंत कहा जाता है। 
 
14 वर्षों तक करते हैं ये व्रत: अनंत व्रत चंदन, धूप, पुष्प, नैवेद्य के उपचारों के साथ किया जाता है। इस व्रत के विषय में कहा जाता है कि यह व्रत 14 वर्षों तक किया जाए, तो व्रती विष्णु लोक की प्राप्ति कर सकता हैं।
 
अनंत चतुर्दशी की खास बातें:-
अनंत कथा और व्रत: पांडवों द्वारा जुए में अपना राजपाट हार जाने के बाद श्रीकृष्ण से पूछा था कि दोबारा राजपाट प्राप्त हो और इस कष्ट से छुटकारा मिले इसका उपाय बताएं तो श्रीकृष्‍ण ने उन्हें सपरिवार सहित अनंत चतुर्दशी का व्रत बताया था। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि चतुर्मास में भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर अनंत शयन में रहते हैं। अनंत भगवान ने ही वामन अवतार में दो पग में ही तीनों लोकों को नाप लिया था। इनके ना तो आदि का पता है न अंत का इसलिए भी यह अनंत कहलाते हैं अत: इनके व्रत और पूजन से आपके सभी कष्ट समाप्त हो जाएंगे।
 

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