पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम से अपेक्षाओं से बखूबी वाकिफ कोच क्रेग फुल्टन को टीम की तैयारियों पर भरोसा है और अपने खिलाड़ियों के लिये उनका गुरूमंत्र यही है कि ओलंपिक का दबाव लिये बगैर फिलहाल न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले मैच पर फोकस रखें।
दक्षिण अफ्रीका के फुल्टन ने (भाषा) को दिये विशेष इंटरव्यू में कहा , मैं जानता हूं कि तोक्यो ओलंपिक के कांस्य के बाद अपेक्षायें बढी है लेकिन हकीकत यह है कि टीम ने अच्छी प्रगति की है । लंदन ओलंपिक (2012) में 12वें, रियो (2016 ) में आठवें स्थान से तोक्यो (2020) में तीसरे स्थान पर रहने तक टीम काफी आगे बढ गई है ।
दक्षिण अफ्रीका के लिये 1996 और 2004 ओलंपिक खेल चुके फुल्टन ने कहा , मेरा मंत्र स्पष्ट है कि खेल पर फोकस करें, ओलंपिक पर नहीं । यह हॉकी का ही मैच है और नियम भी बदले नहीं हैं ।
उन्होंने कहा , मैं प्रक्रिया पर भरोसा करने वाला कोच हूं । फिलहाल फोकस न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले मैच पर है । हम मैच दर मैच रणनीति बनायेंगे ।
Before the Indian #hockey team begin their quest for the elusive gold at the 2024 Paris Olympics, we spoke with coach Craig Fulton about ambitions, strategies, challenges and more. | #Olympics
भारत में 2018 विश्व कप जीतने वाली बेल्जियम टीम के सहायक कोच रहे 50 वर्ष के फुल्टन को ओलंपिक की तैयारी के लिये पर्याप्त समय नहीं मिला लेकिन उन्हें कोई मलाल नहीं है। वह पिछले साल अप्रैल में भारतीय टीम से जुड़े थे।
उन्होंने कहा , आम तौर पर एक ओलंपिक से दूसरे ओलंपिक तक का समय मिलता है लेकिन यह कोई बहाना नहीं है। हमने मेरे आने के तीन महीने के भीतर एशियाई खेलों का स्वर्ण जीतकर ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया। टीम आत्मविश्वास से भरी है और अच्छा खेल रही है।
उनका भरोसा टीम के आपसी तालमेल पर है जिसे बढाने के लिये उनके तरीके अनूठे रहे हैं मसलन वह जनवरी में टीम को दक्षिण अफ्रीका ले गए थे जहां खिलाड़ियों ने साथ में पर्वतारोहण किया, सर्फिंग की और बीच पर बारबेक्यू का आनंद लिया।
उन्होंने कहा , मेरा मानना है कि अगर कोई अच्छा नहीं खेल पा रहा है तो साथी खिलाड़ी को उसकी भरपाई करनी चाहिये । शीर्ष स्तर पर अच्छे प्रदर्शन के लिये खिलाड़ियों का आपसी तालमेल और एक दूसरे पर भरोसा सबसे अहम है । इसी के दम पर वे अपना शत प्रतिशत दे सकते हैं।
FIH Pro League में भारत के सातवें स्थान पर रहने या विश्व रैंकिंग में सातवें स्थान पर खिसकने से वह चिंतित नहीं हैं।
उन्होंने कहा , प्रो लीग में हम कुछ मैचों में अच्छा नहीं खेल सके लेकिन उसमें मकसद ओलंपिक के लिये टीम चयन था और काफी बदलाव किये गए। लेकिन सातवें स्थान पर रहने और जीतने वाली टीम में दस अंक का ही अंतर था यानी यह काफी करीबी था हम अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम के साथ नहीं खेले। यही वजह है कि रैंकिंग में भी गिरावट आई।लेकिन इससे मैं परेशान नहीं हूं।
तोक्यो ओलंपिक में कांस्य जीतने वाली भारतीय टीम के 11 खिलाड़ियों के साथ पांच नये खिलाड़ी पेरिस में खेलेंगे लेकिन कोच का मानना है कि उनके पास शीर्ष स्तर पर खेलने के लिये पर्याप्त अनुभव है।
उन्होंने कहा , मेरे आने के बाद से हमने करीब 46 मैच खेले हैं जिसमें एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी, एशियाई खेल, प्रो लीग शामिल है। ये सभी खिलाड़ी विश्व कप, राष्ट्रमंडल खेल जैसे टूर्नामेंट खेल चुके हैं और उनके पास काफी अनुभव है। मानसिक अनुकूलन जरूरी है जहां पैडी उपटन की भूमिका अहम होगी।
उन्होंने कहा , पैडी शीर्ष क्रिकेटरों के साथ काम कर चुके हैं और हमारे खिलाड़ियों को भी उनसे मदद मिल रही है। मानसिक कौशल पर काम करने की जरूरत है और खिलाड़ी अच्छा कर रहे हैं लेकिन फोकस निरंतरता पर है।
आयरलैंड के पूर्व कोच रहे फुल्टन का जोर अच्छे डिफेंस ढांचे पर भी है।उन्होंने कहा , हम पीसीए ( पेनल्टी कॉर्नर अटैक) और पीसीडी ( पेनल्टी कॉर्नर डिफेंस) पर फोकस कर रहे हैं क्योंकि इसी में गलतियां होती है। हमारा आक्रमण अच्छा है लेकिन डिफेंस में लगातार अच्छे प्रदर्शन की भी जरूरत है। पिछले प्रो लीग की तुलना में फील्ड गोल बढे हैं लेकिन पीसीए में गिरावट आई है।
भारत को ओलंपिक में Pool Of Death मिला है जिसमें आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, अर्जेंटीना जैसे दिग्गज हैं लेकिन कोच ने कहा कि वह इससे विचलित नहीं हैं।
उन्होंने कहा , हमें शीर्ष चार में रहने के लिये पांच मैच जीतने हैं। पहला मैच काफी अहम होगा जिससे लय बनेगी । ओलंपिक में शीर्ष टीमें ही रहती हैं तो पूल को लेकर चिंतित नहीं हूं।
क्या वह खिलाड़ियों को क्या करें या क्या ना करें की सूची देने या सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर रोक लगाने की सोच रहे हैं।यह पूछने पर उन्होंने कहा , हम कोई भीतरी या बाहरी व्यवधान नहीं चाहते। इससे उन पर दबाव बनेगा। हम जल्दी ही इस पर फैसला लेंगे कि उनके लिये क्या बेहतर होगा।