आगरा का ताजमहल

आगरा का ताजमहल भारत की शान और प्रेम का प्रतीक चिह्न माना जाता है। उत्तरप्रदेश का तीसरा बड़ा जिला आगरा ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।

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ई. 1630 में शुरू हुआ इसका निर्माण कार्य करीब 22 वर्षों में पूर्ण हुआ, जिसमें लगभग बीस हजार मजदूरों का योगदान माना जाता है। इसका मुख्य गुंबद 60 फीट ऊंचा और 80 फीट चौड़ा है।


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मुगल बादशाह की मुहब्बत और शिद्दत का परिणाम ही है, 'ताजमहल' जिसे खूबसूरती का नायाब हीरा कहा जाता है।


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गुंबदनुमा इस इमारत को जब आप सिर उठाकर ऊपर देखते हैं तो इसकी नक्काशीदार छतें और दीवारें किसी आश्चर्य से कम नहीं लगतीं।


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इसका यह इतिहास तो बच्चे-बड़े सभी की जुबान पर है कि मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी दूसरी पत्नी मुमताज महल की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था।


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यमुना नदी के किनारे सफेद पत्थरों से निर्मित अलौकिक सुंदरता की तस्वीर 'ताजमहल' न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है।

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