कश्मीर का टूरिज्म खात्मे के कगार पर है, क्योंकि कोरोनावायरस की दूसरी लहर के चलते जून के अंत तक की सभी बुकिंगें कैंसिल हो गई हैं। कोई भी अपने घूमने के प्लान को आगे बढ़ाना नहीं चाहता। अग्रिम भुगतान वापसी की मांग चल रही है।
यह लगातार तीसरा साल है जब कश्मीर का टूरिज्म बुरी तरह से डूबा है। वर्ष 2019 में धारा 370 ने पर्यटन को लील लिया था। पिछले दो साल से कोरोना का दंश कश्मीर का टूरिज्म झेलने को मजबूर है।
सरकारी तौर पर मान लिया गया है कि कोरोना महामारी के कारण जम्मू कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र में पर्यटकों की भारी गिरावट आई है। प्रदेश की जीडीपी में करीब सात प्रतिशत पर्यटन क्षेत्र का योगदान है। लाखों लोगों का रोजगार पर्यटन के भरोसे ही चलता है।
कश्मीर घाटी में वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के कारण और फिर वर्ष 2020 में कोरोना के चलते लॉकडाउन के कारण काफी नुकसान पर्यटन क्षेत्र को उठाना पड़ा