रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा देकर मनोहर पर्रिकर ने चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पर्रिकर पहले देश के ऐसे मुख्ममंत्री थे, जो आईआईटी डिग्री धारी थे। गोवा में भाजपा की जड़ें जमाने वाले पर्रिकर पहली बार 1994 में विधायक बने थे, तब पार्टी की सिर्फ चार सीटें हुआ करती थीं, लेकिन छ: साल के भीतर ही गोवा में भाजपा को पहली बार पर्रिकर ने सत्ता दिला दी और वे मुख्यमंत्री बन गए।
राजनीतिक जीवन : गोवा में भाजपा की जड़ें जमाने वाले मनोहर पर्रिकर पहली बार 1994 में विधायक बने थे, तब पार्टी की सिर्फ चार सीटें हुआ करती थीं, लेकिन छ: साल के भीतर ही गोवा में भाजपा को पहली बार पर्रिकर ने सत्ता दिला दी और वे मुख्यमंत्री बन गए।
मनोहर पर्रिकर भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। 24 अक्टूबर 2000 को वे पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 5 जून 2002 को वे दोबारा मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए। वे गोवा के गृह, कार्मिक, सामान्य प्रशासन और शिक्षामंत्री भी रहे। 2005 में वे विपक्ष के नेता रहे और 2007 में पुन: चुने गए।
साफ छवि के मनोहर पर्रिकर 2009 में भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी के करीब तक पहुंच गए थे, लेकिन लालकृष्ण आडवाणी पर दिए एक बयान ने उन्हें पार्टी के शीर्ष तक नहीं पहुंचने दिया, इसके बावजूद पांच साल के भीतर पर्रिकर की लोकप्रियता गोवा से बढ़कर महाराष्ट्र होते हुए दूसरे राज्यों तक भी पहुंची। गोवा के मापुसा में जन्मे मनोहर पर्रिकर 2012 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और तब से उनके सुशासन और सादगी की चर्चा रही है। 2012 में विपक्ष में रहते हुए पर्रिकर ने कांग्रेस सरकार के दौरान हुए खनन घोटालों को उजागर किया।