सीट का सियासी समीकरण-देवास संसदीय सीट में तीन जिले देवास,शाजापुर और सीहोर जिले की 8 विधानसभा सीट आती है। इसमें शाजापुर जिले की सबसे ज्यादा 4 विधानसभा सीटें आगर,शाजापुर,शुजालपुर और कालापीपल देवास क्षेत्र में हैं। सीहोर जिले की एक सीट आष्टा इसमें शामिल है। इसके अलावा देवास जिले की तीन विधानसभा सीटें सोनकच्छ,हाटपिपल्या और देवास इसमें शामिल है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने देवास लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली सभी 8 सीटों में एकतरफा जीत दर्ज की थी।
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देवास संसदीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदाता बलाई समाज के हैं और भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रत्याशी इसी समाज से आते है।दूसरे नंबर पर खाती और तीसरे नंबर पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या बताई गई है। ब्राह्मणों का झुकाव भाजपा की ओर है जबकि खाती समाज बंटा नजर आ रहा है। इसके अलावा क्षेत्र में ठाकुर, सेंधव, पाटीदार, गुर्जर, जैन तथा बाल्मीकि समाज के मतदाता भी काफी हैं।
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देवास में चुनावी मुद्दा-देवास में भाजपा प्रत्याशी महेंद्र सिंह सोलंकी की पहचान कट्टर हिंदूवादी नेता की रही है। भाजपा हिंदुत्व के साथ विकास के मुद्दें पर चुनाव लड़ रही है। यहीं कारण है कि भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है। अयोध्या में राम मंदिर का प्रचार हो रहा है। केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्य गिनाए जा रहे हैं। इसके विपरीत कांग्रेस अपने घोषणा पत्र के 5 न्याय और 24 गारंटियों का प्रचार कर रही है। स्थानीय स्तर पर कांग्रेस बता रही है कि विकास के मामले में इंदौर और दूसरे शहरों की तुलना में किस तरह देवास को उपेक्षित कर रखा गया है जबकि देश और राज्य में लगातार भाजपा की सरकार है। हलांकि लगातार भाजपा के जनप्रतिनिधि होने के बाद क्षेत्र में उतना विकास नहीं होने के कारण उसे चुनाव में एंटी इंकमबेंसी का सामना करना पड़ रहा है।