संगम तट पर क्यों लेटे हैं बजरंगबली, प्रयागराज का वो चमत्कारी मंदिर जिसे नहीं तोड़ पाए थे मुगल भी

WD Feature Desk

शुक्रवार, 10 जनवरी 2025 (17:12 IST)
Lete hanuman mandir prayagraj : प्रयागराज, जो कि भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है। यहां शास्त्रों ऐसे मंदिर हैं जिनका उल्लेख पुराणों में मिलता है और इनसे जुड़ी कई पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं। ऐसा ही एक मंदिर है लेटे हुए बजरंगबली का मंदिर। संगम के तट पर स्थित ये मंदिर अपनी अनोखी विशेषता के लिए जाना जाता है। इस मंदिर में भगवान हनुमान की विशाल प्रतिमा लेटी हुई अवस्था में है। यह मंदिर न केवल भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि इसका इतिहास भी बेहद रोचक है। आप जब भी प्रयागराज जाएं इस मंदिर के दर्शन अवश्य करें । आइए आज आपको इस मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों से परिचित करवाते हैं।

लेटे हनुमान मंदिर का इतिहास
इस मंदिर के निर्माण के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है, लेकिन मान्यता है कि यह मंदिर बहुत पुराना है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान राम लंका विजय के बाद अयोध्या लौट रहे थे, तब उन्होंने संगम तट पर विश्राम किया था। इस दौरान हनुमान जी भी उनके साथ थे। थकान के कारण हनुमान जी यहां लेट गए थे और तभी से उनकी यह प्रतिमा इसी अवस्था में स्थापित है।

लेटे हनुमान मंदिर का महत्व
·         संगम का महत्व: यह मंदिर संगम के तट पर स्थित होने के कारण और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। संगम को हिंदुओं का सबसे पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां मिलती हैं।
·         हनुमान जी की शक्ति: हनुमान जी को शक्ति और बल का देवता माना जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर में हनुमान जी की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
·         मुगल आक्रमण: मुगल काल में भी इस मंदिर को नष्ट करने के कई प्रयास किए गए, लेकिन हर बार असफल रहे। यह मंदिर मुगल आक्रमणों के बावजूद सुरक्षित रहा, जो इसकी दिव्य शक्ति का प्रमाण है।

मंदिर से जुड़ी मान्यताएं
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मंदिर में क्या देखें?
 
कब जाएं?
प्रयागराज का लेटे हनुमान मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र होने के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।

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