Prayagraj Mahakumbh : प्रयागराज महाकुंभ में फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने से किन्नर अखाड़े में फूट पड़ गई है। मीडिया खबरों के अनुसार, इस विवाद की आंच किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी तक पहुंच गई है। यहां तक कि उन्हें आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटाया भी जा सकता है।
किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास और आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी इस मसले पर आमने-सामने नजर आ रहे हैं। अजय दास का कहना है कि वह आज लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को उनके पद से हटा देंगे। हालांकि डॉ. त्रिपाठी का दावा है कि अजय दास अखाड़े में किसी पद पर नहीं है।
ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी समेत कई लोग नाराज हैं। बताया जा रहा है कि किन्नर अखाड़े की ओर से आज दोपहर में इस मामले में एक बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 24 जनवरी को अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने शुक्रवार को प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई और गृहस्थ जीवन से संन्यास लेने की घोषणा की। इसके बाद किन्नर अखाड़े ने ममता का पिंडदान कराने के बाद महामंडलेश्वर पद पर उनका पट्टाभिषेक किया। किन्नर अखाड़े ने ममता को यमाई ममता नंद गिरी नाम दिया।
कौन हैं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी : लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी एक ऐसी हस्ती हैं जिन्होंने समाज में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आवाज उठाई और उन्हें सम्मान दिलाने का काम किया। वे किन्नर अखाड़े की पहली महामंडलेश्वर हैं। उनका जन्म 13 दिसंबर 1980 महाराष्ट्र के ठाणे में हुआ था। उन्होंने मुंबई के मीठीबाई कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की और भरतनाट्यम में स्नातकोत्तर भी किया।
उन्होंने आर्टिकल 377 के खिलाफ भी आवाज उठाई थी और LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने 'मी हिजड़ा, मी लक्ष्मी' नाम से एक किताब भी लिखी है, जो काफी चर्चा में रही थी। साल 2015 में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर अखाड़े की पहली महामंडलेश्वर बनाया गया। उन्होंने इस पद को ग्रहण करके ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक मिसाल कायम की।
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी कई बार मीडिया में भी नजर आ चुकी हैं। उन्होंने बिग बॉस जैसे रियलिटी शो में भी हिस्सा लिया था। इसके अलावा, उन्होंने सच का सामना और 10 का दम जैसे शोज़ में भी हिस्सा लिया है।