चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के 117 सदस्यों का चुनाव करने के लिए शनिवार को मतदान होगा, जहां शिरोमणि अकाली दल-भाजपा का गठबंधन अपने 10 साल के शासन के बाद सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहा है और उसे कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी से कड़ी चुनौती मिल रही है।
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद हो रहे इस पहले चुनाव में 1.98 करोड़ लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। चुनाव के लिए 1,145 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें से 81 महिलाएं हैं और एक ट्रांसजेंडर है।
राज्य में शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 200 से ज्यादा कंपनियां (एक कंपनी में 80-100 कर्मी होते हैं) तैनात की गई हैं। यहां चुनाव प्रचार खत्म होने से मुश्किल से 2 दिन पहले एक कार बम विस्फोट हुआ जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई। पंजाब पुलिस ने इस घटना के आतंकी घटना होने की संभावना से इंकार नहीं किया।
राज्य के 1,98,79,069 मतदाताओं में से 93,75,546 महिलाएं और 415 ट्रांसजेंडर हैं। समूचे राज्य में 22,615 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। 83 विधानसभा क्षेत्र सामान्य श्रेणी के हैं जबकि 34 आरक्षित हैं।
पंजाब में शिअद-भाजपा गठबंधन, कांग्रेस और आप के बीच त्रिकोणिय मुकाबला हो रहा है। आप का दावा है कि वह दिल्ली वाली अपनी सफलता को राज्य में दोहराएगी, जहां 2015 के चुनाव में उसने कांग्रेस और भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया था। (भाषा)