Rajasthan Assembly Elections: राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा आम चुनाव में अलवर जिले की रामगढ़ (Ramgarh) और कठूमर विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए बागी उम्मीदवार चुनौती बने हुए हैं। कठूमर (Kathumar) विधानसभा आरक्षित सीट से जहां कांग्रेस ने संजना जाटव को टिकट दिया है वहीं भाजपा ने पूर्व विधायक रमेश खींची को उम्मीदवार बनाया है।
यहां से भाजपा के दावेदार के रूप में पूर्व मंत्री मंगल राम कोली थे लेकिन टिकट रमेश खींची को मिला। इस पर कोली ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में ताल ठोंक रखी हैं, जो भाजपा के लिए चुनौती मानी जा रही है। कोली को बाल्टी चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है और इसी बाल्टी के चुनाव चिह्न पर वे पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधायक बनकर भेरूसिंह सरकार में उपमंत्री बनाए गए थे। लेकिन अब बगावत करने पर पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया है।
अलवर जिला कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे खींची गत चुनाव में कांग्रेस द्वारा टिकट नहीं दिए जाने पर भाजपा का दामन थाम लिया था। कठूमर विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 28 हजार मतदाता हैं जिनमें से 1 लाख 22 हजार पुरुष और 1 लाख 6 महिला मतदाता है। यहां 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं।
इनमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से दिनेश कुमार, आम आदमी पार्टी (आप) से सुनील बेरवा तथा करन चंद, जल सिंह, ठाकुर सिंह पवार, मंगल राम और मोतीलाल निर्दलीय रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। यहां कांग्रेस के सामने कोई चुनौती नजर नहीं आ रही है हालांकि वर्तमान विधायक बाबूलाल बैरवा कुछ नाराज दिखाई दिए। उन्होंने नामाकंन पत्र भी भरा था लेकिन आला कमान के आदेश पर उसे वापस ले लिया।
रामगढ़ विधानसभा में भी भाजपा के वर्ष 2018 में प्रत्याशी रहे सुखवंत सिंह बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं हालांकि पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया है। वे चंद्र शेखर रावण की आजाद समाज पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं। 2 लाख 71 हजार मतदाताओं वाली इस सीट पर 1 लाख 43 हजार पुरुष और 1 लाख 28 हजार मतदाता महिला मतदाता हैं।
यहां 16 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिसमें भाजपा से जय आहूजा, कांग्रेस से मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक जुबेर खान, बसपा से दीवान चंद, आम आदमी पार्टी से विश्वेंद्र सिंह, जननायक जनता पार्टी से इजहार, आजाद समाज पार्टी से सुखवंत सिंह शामिल हैं। इनके अलावा अनूप कुमार, इकबाल सिंह, उमरदीन खान, गुरविंदर सिंह, जय सिंह, दिनेश, नवल सिंह, नितेश कुमार, भजनलाल सैनी एवं मुख्तार सिंह निर्दलीय रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा उम्मीदवार का यहां विरोध भी देखा जा रहा है। हालांकि यहां पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने मोर्चा संभाल रखा है। इस विधानसभा सीट को भी हॉट सीट माना जाता है। मेव बहुल इस इलाके में कभी भाजपा कभी कांग्रेस के विधायक रहे हैं। वर्ष 2018 के आम चुनाव में बसपा प्रत्याशी की मौत के बाद चुनाव स्थगित होने के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सफिया खान ने चुनाव जीता था।