बीकानेर। जिला निर्वाचन अधिकारियों और कार्मिकों की लापरवाही के कारण बीकानेर में हजारों की तादाद में मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज नहीं होने के कारण वे मतदान से वंचित रह गए। इनमें कई मतदाता तो ऐसे भी थे जिनके नाम ही मतदाता सूची से गायब था।
मतदान से वंचित रहे मतदाताओं ने जिला निर्वाचन अधिकारी सहित चुनाव आयुक्त को अपनी शिकायतें भेजी हैं वहीं भाजपा नेताओं ने आरोप लगाए हैं कि जिला प्रशासन ने राज्य सरकार के दबाव में आकर अपनी कारस्तानी दिखाते हुए भाजपा समर्थकों के नाम जानबूझकर मतदाता सूची से काट दिए हैं।
हालांकि अनेक मतदाताओं के पास मतदाता पहचान पत्र थे, मगर मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण वे मतदान से वंचित रह गए वहीं अनेक मतदाताओं के नाम बीएलओ द्वारा बांटी गई मतदाता पर्चियों में तो थे, लेकिन जब वे मतदान करने पहुंचे तो नाम सूची से नाम गायब थे। ऐसे में मतदाता मतदान केन्द्र तक पहुंचकर सूची में अपने नाम तलाशने के बाद बगैर मतदान किए लौटे।
जानकारी के अनुसार वार्ड नं चौतीस, गंगाशहर रोड पर रहने वाले सूरजाराम जाट के पूरे परिवार के नाम ही मतदाता सूची से गायब थे जबकि पिछले नगर निगम चुनाव में सूरजाराम और उनके परिवारजनों ने मतदान किया था। वहीं धोबी तलाई में रहने वाले नरेन्द्र नाथ भी मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण मतदान से वंचित रहे। शहर के भैंसावाड़ा क्षेत्र में रहने वाले करीब चार बुजुर्ग मतदाता भी सूची में नाम नहीं होने के कारण मतदान से वंचित रहे।
इसके अलावा बांद्राबास, रानी बाजार, इन्द्रा कॉलोनी, मुरलीधर व्यास नगर सहित दर्जनों रिहायशी इलाकों के हजारों लोग मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण मतदान से वंचित रहे गए। यहां पूरी की पूरी कॉलोनी ही मतदाता सूची से गायब। रानी बाजर निवासी अनेक लोगों ने बताया कि उनके नाम रणनीति के तहत काटे गए हैं, ताकि वे वोट नहीं डाल सकें। (कनक मीडिया)