हमारी भारतीय संस्कृति में त्योहारों का बहुत अधिक महत्व है। ये त्योहार ही है, जो हमारे रिश्तों के बीच प्रेम को जीवित रखते हैं। कितनी भी दूरियाँ ही क्यों न हो, हम सभी सीमाओं का लाँघकर रिश्तों में प्यार की ऊर्जा भरने के लिए त्योहारों पर अपने परिवारजनों के पास पहुँच जाते हैं। भाई-बहन के प्यार के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला एक ऐसा ही त्योहार है - रक्षाबंधन।
हमारे रिश्तों और फिल्मों का साथ बहुत गहरा है क्योंकि रूपहले पर्दे की फिल्में एक तरह से हमारी जिंदगी का आईना है। बॉलीवुड में हर रिश्ते व हर तीज-त्योहार को लेकर कई फिल्में बनाई गई। फिल्मों व उनके गीतों का हम पर इतना अधिक प्रभाव है कि कई बार हमें अपने जीवन की परिस्थितियाँ फिल्मी और कई बार फिल्मों के किस्से हकीकत नजर आते हैं।
भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को अलग-अलग दृष्टिकोणों से रूपांकित करती हुई कई फिल्में आईं, जिनमें से कुछ फिल्मों के डायलॉग व गीतों का हम पर इतना अधिक प्रभाव पड़ा कि हर खुशी या त्योहार के मौके पर हमें उन्हें गुनगुनाए बगैर नहीं रह सकते हैं। यदि आप भी इस राखी पर अपने प्यारे से भाई या बहन के लिए ये गीत गुनगुनाएँगे तो शायद यह उनके लिए राखी का सबसे बड़ा तोहफा होगा। तो क्यों न इन गीतों के साथ इस राखी को यादगार बनाया जाएँ।
भाई-बहन के प्यार की मिठास का अनुभव कराने वाले कुछ फिल्मी गीत इस प्रकार है -
बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बाँधा है .... (फिल्म-रेशम की डोरी, निर्देशक-आत्माराम, गायक-लता मंगेशकर)
रंग-बिरंगी राखी लेकर आई बहना, राखी बँधवा लो मेरे वीर रे ... (फिल्म-अनपढ़, निर्देशक-मोहन कुमार, गायक-लता मंगेशकर)
भैया मेरे राखी के बँधन को निभाना, भैया मेरे छोटी बहन को ना भुलाना ... (फिल्म-छोटी बहन, निर्देशक-एलवी प्रसाद, गायक-लता मंगेशकर)
अबके बरस भेज भैया को बाबुल में ..... (फिल्म-बंदिनी, निर्देशक-बिमल रॉय, गायक-आशा भोंसले)
चंदा रे मेरे भैया से कहना, बहना याद करे ... (फिल्म-चबंल की कसम, निर्देशक-राम माहेश्वरी, गायक-लता मंगेशकर)