- इसके बाद शुभ मुहूर्त में (जो कि इस बार भद्रा और ग्रहण की वजह से 11 बजकर 5 मिनट से लेकर 1 बजकर 47 मिनट तक है।) भाई के माथे पर टीका लगाकर दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र बांधे। जब रक्षा सूत्र बांधा जाए तब भाई हाथ में अक्षत रखकर मुट्ठी बांधकर रखें।
- शास्त्रों के अनुसार रक्षा सूत्र बांधे जाते समय निम्न मंत्र का जाप करने से अधिक फल मिलता है। मंत्र इस प्रकार है-
"येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचल"
- रक्षा सूत्र (राखी) बांधने के बाद आरती उतारें फिर भाई को मिठाई खिलाएं। बहन यदि बड़ी हों तो छोटे भाई को आशीर्वाद दें और यदि छोटी हों तो भी बड़े भाई को प्रणाम करना चाहिए।
आजकल लोग सोफे व कुर्सी में बैठकर राखी बंधवा लेते हैं। यह उचित नहीं है, राखी बंधवाते समय पीढ़े पर ही बैठें। इससे शुद्धिकरण होता है और अच्छा प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति चुंबकीय रेखाओं से मुक्त हो जाता है। पीढ़े पर सिर्फ भाई को नहीं, बल्कि बहन को भी बैठना चाहिए। यह विधि सर्वोत्तम है।