क्या है अचल मूर्ति और उत्सव मूर्ति का मतलब?
भगवान श्री राम की नई मूर्ति को अचल मूर्ति माना जाएगा। अचल मूर्ति का अर्थ है कि इस नई बाल स्वरुप मूर्ति को गर्भगृह से कभी नहीं हटाया जाएगा और न ही बाहर निकाला जाएगा।
दूसरी ओर पुरानी मूर्ति को उत्सव मूर्ति के रूप में जाना जाएगा। उत्सव मूर्ति का अर्थ है कि इस मूर्ति का उपयोग सभी उत्सव में होगा। साथ ही इस मूर्ति को उत्सव या परिक्रमा के लिए बाहर भी निकाला जा सकता है। यानी जब भी श्री राम से संबंधित कोई भी उत्सव मनाया जाएगा तो पुरानी मूर्ति को गर्भगृह से निकालकर शोभा यात्रा जैसे धार्मिक कार्यक्रमों में उपयोग की जाएगी।
22 जनवरी के लिए सिर्फ अयोध्या में नहीं बल्कि भारत के हर हिस्से में इस दिन जश्न मनाया जाएगा। इसके साथ ही राम मंदिर के लिए कई ऐसी चीज़ों को तैयार किया जा रहा है जो अपने आप में बेहद खास और अनोखी हैं। सिर्फ मूर्ति ही नहीं बल्कि श्री राम मंदिर में रखी जाने वाली पादुकाएं, मंदिर का घंटा, स्वर्ण द्वार जैसे कई चीज़ें हैं जो बहुत विशेष रूप से तैयार की गई हैं।