यह हिमस्खलन गुरुवार को जवाहर सुरंग के पास हुआ और एक पुलिस चौकी इसकी चपेट में आ गई। इसमें 10 लोग लापता हो गए। 7 अन्य के शव बरामद कर लिए गए हैं। लापता लोगों में 6 पुलिसकर्मी, 2 अग्निशमन सेवा के कर्मचारी और 2 कैदी शामिल थे। जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग के रामसू-रामबन सेक्टर में भी 2 लोगों की मौत हो गई थी जिनके शव सुबह ही बरामद कर लिए गए थे।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि उनकी पहचान पश्चिम बंगाल के संजीत लकड़ा और हिमाचल प्रदेश के प्रमोद मनकोटिया के रूप में की गई है। अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में गुरुवार देर रात हिमस्खलन से एक घर तबाह हो गया जिसमें रहने वाले एक दंपति की मौत हो गई, लेकिन उनके 2 बच्चों को बचा लिया गया है। अनंतनाग के जंगलों में भी बशीर अहमद अवान की उस समय मौत हो गई, जब उस पर बर्फ गिर गई।
जवाहर सुरंग के पास गुरुवार को इतनी भारी बर्फबारी हुई कि उसमें कई पुलिस वाले हिमस्खलन की चपेट में आ गए। यहां बर्फ का एक पहाड़ पुलिस पोस्ट पर गिर गया जिसकी वजह से 6 पुलिसकर्मी, 2 फायर ब्रिगेडकर्मी और 2 कैदी दब गए थे। 14 घंटे बाद 3 को सुरक्षित निकाल लिया गया, हालांकि 7 लाशें भी बरामद की गई हैं।
जवाहर सुरंग के पास काम करने वाली बचाव टीम ने अपने प्रयासों में तेजी लाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद मांगी थी। कश्मीर घाटी में कई अन्य स्थानों पर हिमस्खलन की घटनाएं हुईं, लेकिन संचार व्यवस्था में बाधा के कारण जान-माल के नुकसान की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। अधिकारियों ने कुलगाम जिले के वाल्टांगू नार और कुंड के हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों से 78 परिवारों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
मध्य बडगाम जिले के एक गांव में हिमस्खलन के बाद यहां के 7 परिवारों को खग पुलिस थाने में स्थानांतरित कर दिया गया है, वहीं अन्य 20 परिवारों को गंदरबल से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया। पिछले 24 घंटों में यहां के ऊंचाई वाले इलाकों में 7-8 फुट, जबकि मैदानी इलाकों में 1-2 फुट तक बर्फ जमा होने की रिपोर्ट मिली है। 2 दिनों से जारी बर्फबारी और बारिश के बाद शुक्रवार को राज्यभर में मौसम खिला हुआ है। धूप से राहत तो मिली है, लेकिन शीतलहर का प्रकोप जारी है। मौसम साफ होने पर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को छोड़ दूसरे संपर्क मार्ग चालू हो गए हैं। हवाई सेवा भी फिर से शुरू हो गई है।