महंगा पड़ा हंगामा, कांग्रेस-राकांपा के 19 विधायक निलंबित

Webdunia
बुधवार, 22 मार्च 2017 (11:15 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में गत सप्ताह बजट पेश किए जाने के दौरान हंगामा करने के कारण विपक्षी दल कांग्रेस और राकांपा के 19 विधायकों को सदन से 9 महीने के लिए बुधवार को निलंबित कर दिया गया।
 
संसदीय मामलों के मंत्री गिरीश बापट ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया और उसे विधानसभा ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद कांग्रेस के 9 और राकांपा के 10 सदस्यों को 31 दिसंबर तक सदन से निलंबित कर दिया गया।
 
विपक्षी सदस्यों ने किसानों का कर्ज माफ किए जाने की मांग को लेकर 18 मार्च को विधानसभा में वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार द्वारा बजट पेश किए जाने में बाधा पैदा की थी। बापट ने कहा कि विपक्षी विधायकों ने शर्मनाक और असंवैधानिक तरीके से व्यवहार किया।
 
उन्होंने कहा कि हर किसी को अभिव्यक्ति का अधिकार है लेकिन राज्य के बजट की प्रति को सदन के बाहर जलाने की घटना कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सदस्यों को बैनर दिखाने, झांझ बजाने, नारे लगाने और अध्यक्ष के निर्देशों का निरादर करने के लिए निलंबित किया गया है।
 
जिन विधायकों को निलंबित किया गया है उनमें कांग्रेस के अमर काले, विजय वाडेतिवार, हषर्वर्धन सकपाल, अब्दुल सत्तार, डीपी सावंत, संग्राम थोप्टे, अमित जनक, कुणाल पाटिल, जयकुमार गोरे और राकांपा के भास्कर जाधव, जितेन्द्र अवहाद, मधुसूदन केंद्रे, संग्राम जगतप, अवधूत तटकरे, दीपक चव्हाण, दत्ता भरने, नरहरि जीरवल, वैभव पिचाड और राहुल जगतप शामिल हैं।
 
विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि सरकार सभी विपक्षी विधायकों को निलंबित कर सकती है लेकिन वे किसानों के मुद्दे उठाते रहेंगे। विशेष सत्र के लिए सदन की बैठक सुबह 10 बजे शुरू होने पर निलंबन की घोषणा की गई। विखे पाटिल ने कहा कि विपक्ष तब तक कार्यवाही का बहिष्कार करेगा, जब तक कि निलंबन हटा नहीं दिया जाता। विपक्ष के सदस्यों की गैरमौजूदगी में पूर्वाह्न 11 बजे प्रश्नकाल आरंभ हुआ।
 
बजट सत्र एक पखवाड़ा पहले शुरू हुआ था, तब से विधानसभा की कार्यवाही में किसानों की ऋणमाफी का मामला छाया हुआ है। विपक्ष पिछले कुछ वर्षों में लगातार सूखे और किसानों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ने के मद्देनजर किसानों के लिए राहत की मांग कर रहा है। (भाषा)
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