बिहार में है शराबबंदी, फिर भी 9 साल में चली गई 190 लोगों की जान

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 4 अप्रैल 2025 (23:29 IST)
Bihar News : बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद जहरीली शराब पीने से कुल 190 लोगों की जान जा चुकी है। नीतीश कुमार सरकार ने अप्रैल 2016 में बिहार में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि शराबबंदी वाले बिहार में शराब की तस्करी बदस्तूर जारी है। विभिन्न जिलों में 2016 से जहरीली शराब से लगभग 190 मौतों की पुष्टि हुई है। मद्य निषेध कानून के उल्लंघन के संबंध में 31 मार्च 2025 तक कुल 9.36 लाख मामले दर्ज किए हैं, जिनमें अब तक कुल 14.32 लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
 
आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। नीतीश कुमार सरकार ने अप्रैल 2016 में बिहार में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि शराबबंदी वाले बिहार में शराब की तस्करी बदस्तूर जारी है।
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मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग (पंजीकरण) के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा, विभिन्न जिलों में 2016 से जहरीली शराब से लगभग 190 मौतों की पुष्टि हुई है। सारण, सीवान, गया, भोजपुर, बक्सर और गोपालगंज जिलों में जहरीली शराब के सेवन से सबसे अधिक मौतें होने की पुष्टि हुई है।
 
विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, विभाग ने मद्य निषेध कानून के उल्लंघन के संबंध में 31 मार्च 2025 तक कुल 9.36 लाख मामले दर्ज किए हैं, जिनमें अब तक कुल 14.32 लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें कहा गया है कि संबंधित अधिकारियों ने अब तक 3.86 करोड़ ‘बल्क लीटर’ शराब जब्त की है, जिसमें देशी शराब भी शामिल है।
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31 मार्च 2025 तक विभाग ने जब्त की गई शराब का 97 प्रतिशत हिस्सा नष्ट कर दिया है, जो लगभग 3.77 करोड़ ‘बल्क लीटर’ है। विभाग ने शराब को लाने जाने में प्रयुक्त किए जाने वाले 1.40 लाख वाहन भी जब्त किए हैं। इसके अलावा, विभाग मद्य निषेध कानूनों के उल्लंघन से संबंधित अपराधों में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए 33 खोजी कुत्तों की सहायता भी ले रहा है।
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बयान के मुताबिक, जहां तक ​भूमि और फ्लैट के पंजीकरण से राजस्व संग्रह का सवाल है, विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारित लक्ष्य 7,500 करोड़ रुपए के मुकाबले 7,648.88 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र किया है जो अब तक का सबसे अधिक राजस्व है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour  

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