अलग-अलग राज्यों के हैं मछुआरे : पाकिस्तान से रिहा किए गए 22 मछुआरों में से 18 गुजरात के, 3 केंद्र शासित प्रदेश दीव के और एक उत्तरप्रदेश का निवासी है। गुजरात सरकार ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने केंद्र सरकार से मछुआरों की रिहाई का अनुरोध किया था।
पत्र में लिखा है कि हम यहां 150 मछुआरे हैं। 2 साल पहले पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने हमें रिहा कर दिया था, लेकिन हम अब भी जेल में बंद हैं। जेल में तनाव के कारण लगभग सभी मछुआरे मानसिक रोगी हो गए हैं। हम बीमार हैं, सांस लेने में तकलीफ हो रही है और त्वचा संबंधी रोगों से पीड़ित हैं, फिर भी यहां से सिर्फ 22 मछुआरों को ही रिहा किया गया है। बाकी 150 मछुआरों के साथ अन्याय हो रहा है। यहां कोई नहीं है जो हमारी स्थिति को समझे।
गुजरात के 18 मछुआरों में से 14 गिर सोमनाथ जिले से, तीन देवभूमि द्वारका से और एक राजकोट से है। विदेश मंत्रालय ने 12 दिसंबर 2024 को लोकसभा में बताया कि वर्ष 2014 से अब तक पाकिस्तान से कुल 2,639 भारतीय मछुआरों को वापस लाया गया है। पाकिस्तान की हिरासत में 1 जुलाई 2024 तक 209 भारतीय मछुआरे थे जिनमें से वर्ष 2021 से 51 मछुआरे, वर्ष 2022 से 130 मछुआरे, वर्ष 2023 से नौ मछुआरे और 19 मछुआरे वर्ष 2024 से जेल में बंद हैं।(भाषा)