भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत दिल्ली सरकार 25 फरवरी को दिल्ली विधानसभा में पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के प्रदर्शन पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 लंबित रिपोर्ट पेश करने वाली है। भाजपा विधायकों के अनुसार, दिल्ली की नवगठित आठवीं विधानसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन रिपोर्ट पेश की जाएगी। भाजपा आरोप लगाती रही है कि आप सरकार ने कैग रिपोर्ट रोक रखी थी। इसमें शीश महल और शराब घोटाले से जुड़ी रिपोर्ट भी शामिल है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछले गुरुवार को ऐलान किया था कि नई सरकार के पहले सत्र में रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएंगी। कैग की लंबित रिपोर्ट में राज्य के वित्त, सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे, वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण, शराब विनियमन और दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के कामकाज की समीक्षा शामिल है।
भाजपा ने किया था अदालत का रुख : भाजपा ने आप के कार्यकाल के दौरान बार-बार इन रिपोर्ट को जारी करने की मांग की थी। पार्टी ने सरकार को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने के लिए अदालत का रुख किया था। भाजपा ने आप सरकार पर कथित भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए जानबूझकर ऑडिट में देरी करने का आरोप लगाया था। विधानसभा चुनावों के दौरान यह मुद्दा गहरा गया था, जिसमें भाजपा ने वित्तीय कुप्रबंधन के निष्कर्षों को दबाने के प्रयास के रूप में देरी को उजागर किया था।
सीएम आवाज से जुड़ी रिपोर्ट : जांच के दायरे में आई एक अहम रिपोर्ट मुख्यमंत्री के 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी आवास के मरम्मत कार्य से जुड़ी है, जिसे भाजपा ने शीश महल करार दिया। ऑडिट में कथित तौर पर परियोजना की योजना, निविदा और क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं उजागर हुई हैं। साल 2020 में शुरू में 7.61 करोड़ रुपए मंजूर किए गए, अप्रैल 2022 तक लागत बढ़कर 33.66 करोड़ रुपए हो गई। इस तरह इसमें 342 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
भाजपा और कांग्रेस ने इन निष्कर्षों के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा और उन पर सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पूर्व में इन रिपोर्ट के सार्वजनिक न किए जाने पर चिंता जताई थी और पिछले साल दिसंबर में विधानसभा से विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया था। हालांकि, आप के कार्यकाल के दौरान ये रिपोर्ट पेश नहीं की गईं, जिसके कारण उन्हें जारी करने की मांग बढ़ती गई। इनपुट भाषा