कश्मीर में दो दिनों में 22 को लील गया ‘सफेद आतंक’

सुरेश डुग्गर

शुक्रवार, 27 जनवरी 2017 (20:20 IST)
श्रीनगर। ‘सफेद आतंक’ अर्थात बर्फ ने कश्मीर में 2 दिनों के भीतर 22 लोगों की जान ले ली है। मरने वालों में 15 सैनिक और 7 नागरिक हैं। मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका इसलिए जताई जा रही है, क्योंकि कई अन्य इलाकों में भी एवलांच के कारण सैनिक चौकियों तथा लोगों के घरों को क्षति पहुंची है और वहां अभी तक राहत दल नहीं पहुंच पाए हैं। मिलने वाली जानकारी के मुताबिक 100 से अधिक घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं।
कश्मीर के गुरेज तथा सोनमार्ग में 3 एवलांचों में शहीद होने वाले जवानों की तादाद 15 हो गई है। शुक्रवार को 4 और जवानों के शव मिले। गुरेज सेक्टर में बुधवार को 1 दिन में 2 जगह एवलांचों ने सेना को भारी नुकसान पहुंचाया। सेना ने अपने 10 जवान खो दिए, वहीं 4 जवान लापता थे। इसके अलावा उसी दिन सोनमर्ग के एवलांच में भी सेना का एक अफसर शहीद हो गया था। गुरेज सेक्टर में पिछले 15 दिनों से भारी बर्फबारी हो रही है। इसकी वजह से पूरा गुरेज इलाका एवलांच की चपेट में है।
 
राज्यपाल गवर्नर एनएन वोहरा ने गुरेज सेक्टर में एवलांच से प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद देने के निर्देश दिए हैं। गुरेज सेक्टर में 1 दिन में 2 एवलांचों में 14 जवान शहीद हो गए। पहले एवलांच में आर्मी पोस्ट चपेट में आई। एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) समेत 7 जवानों को रेस्क्यू किया गया लेकिन फंसे 3 जवानों का बचाया नहीं जा सका। दूसरे एवलांच ने सेना की पेट्रोलिंग पार्टी फंस गई। इस हादसे में 7 जवान शहीद हो गए। फिर भी यहां कुछ जवानों के फंसे होने की आशंका थी।
 
बुधवार को ही गांदरबल के सोनमर्ग इलाके में एवलांच में सेना का एक अफसर शहीद हो गया। करीब 8 जवानों को बचा लिया गया। दरअसल, सेना का कैम्प एक पहाड़ के नीचे था। बुधवार को बर्फ का एक बड़ा हिस्सा सेना के कैम्प पर आ गिरा। सोनमर्ग के पहाड़ी इलाके में पिछले 2 हफ्ते से भारी बर्फबारी हो रही है। करीब 6 से 7 फीट बर्फ गिरी है। पिछले 4 दिनों में भारी बर्फबारी के बाद आए एवलांच में अब तक 7 नागरिकों की मौत हो गई है।
 
गुरुवार को बारामूला सेक्टर के उड़ी इलाके में 60 साल के एक शख्स की मौत हो गई। खबरों के मुताबिक गुरेज सेक्टर के बादूगम गांव में भी बुधवार सुबह एवलांच आया। इसकी चपेट में एक घर आने से 4 लोगों की मौत हो गई। सोनमर्ग के आसपास 4 से 5 गांव हैं। इस मौसम में यह इलाका खाली हो जाता है और लोग मैदानी गांव में शिफ्ट हो जाते हैं। सिर्फ सेना के जवान ही इस इलाके में तैनात रहते हैं।
 
अधिकारियों ने हाल के दिनों में भारी बर्फबारी की वजह से एवलांच को लेकर वॉर्निंग जारी की है। लोगों से कहा गया है कि वे पहाड़ी इलाकों से दूर रहें। याद रहे बीते साल 10 फरवरी को नॉर्थ ग्लैशियर में एवलांच की चपेट में आने से 19 मद्रास रेजीमेंट के 10 जवान शहीद हो गए थे। लांसनायक हनुमनथप्पा को कई दिन बर्फ में दबे होने के बाद सुरक्षित निकाला गया था, हालांकि बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।

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