उत्तरी रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक अभिषेक धुल्लर के अनुसार, मिलन गर्ग कथित रूप से नकली क्रिप्टोकरंसी की डिजाइनिंग और विपणन में शामिल था। घोटाले के सामने आने के बाद गर्ग दुबई भाग गया था। वह जून में भारत लौटा था और फिर से देश छोड़कर भाग रहा था कि तभी उसे कोलकाता हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर शिमला लाया गया है।
हजारों लोगों को शिकार बनाने वाला क्रिप्टोकरंसी घोटाला 2018 में शुरू हुआ था, लेकिन 2022 में यह प्रकाश में तब आया जब ठगी करने वालों ने निवेशकों को अपना मुंह बंद नहीं रखने पर पैसा गंवाने की धमकी दी। इस संबंध में अब तक 300 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।