अनंतनाग के दो और स्कूलों को जलाया, इसलिए जला रहे स्कूलों को...

सोमवार, 31 अक्टूबर 2016 (10:25 IST)
जम्मू और कश्मीर में तनाव के बीच लगातर सरकारी स्कूलों को निशाना बनाया जा रहा है। रविवार को भी तीन स्कूलों को नुकसान पहुंचाया गया। पिछले एक सप्ताह में 7 स्कूलों को खाक कर दिया गया और दो महीन में यहां 25 स्कूलों को नुकसान पहुंचाया गया है।

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ऐशमुकाम के जवाहर नवोदय विद्यालय में आतंकियों ने आग लगाई काबामार्ग स्थित गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल को भी आग से भारी नुकसान हुआ है। कश्मीर में जारी हिंसा के बीच यह 25वां शिक्षण संस्थान है, जो आग की चपेट में आ चुका है। इन 25 संस्थानों में से अधिकांश सरकारी हैं और दक्षिण कश्मीर में ही स्थित हैं। पिछले 24 घंटों में किसी स्कूल में आग लगाने की ये तीसरी घटना है। साढ़े तीन महीनों में कश्मीर घाटी के हर जिले में कम से कम एक स्कूल जलाया गया।
 
स्कूल जलाने की घटना के पीछे अलगाववादियों और आतंकवादियों का हाथ बताया जा रहा है। स्कूल बंद होने से यहां के लोग नाराज हैं। लोगों ने कहा- अलगाववादी अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं, हमारे बच्चे घर में बैठे हैं। हिंसा और तनाव की वजह से घाटी में स्कूल बंद पड़े हैं। खासकर 10 वीं और 12वीं में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की दिक्कत काफी बढ़ गई है। 
 
स्कूल जलाने की वजह : अलगाववादी और आतंकवादी चाहते हैं कि राज्य के बच्चे पढ़े लिखे नहीं और राज्य में बेरोजगारी बढ़े, जिसके चलते उन्हें आतंक और अलगाव की राह पर आसानी से धकेला जा सकता है। राज्य के कट्टरपंथियों ने स्कूलों के बंद होने के बाद मदरसों में सक्रियता बढ़ा दी है।
 
उमर का बयान : जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्कूलों को जलाने की घटना पर जताई चिंता, उन्होंने कहा है कि ये बच्चों के भविष्य को तबाह करने की साजिश है। उमर ने राज्य सरकार के साथ ही अलगाववादियों को इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया। 
 
इससे पहले अब्दुल्ला ने उद्यमिता विकास संस्थान (इडीआई) को निशाना बनाने के लिए आतंकवादियों पर निशाना साधते हुए कहा था कि आतंकवादी नहीं चाहते हैं कि युवा कश्मीरी लड़के और लड़कियां अपने पांव पर खड़े हो सकें। उमर ने ट्वीट किया था, 'सभी ईडीआई हमेशा कश्मीरी लड़के और लड़कियों को अपने पांव पर खड़े होने और सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रशिक्षित करती हैं। आतंकवादियों को ऐसा पसंद नहीं है।' आतंकवादियों ने रविवार को पंपोर में इस साल दूसरी बार ईडीआई इमारत को निशाना बनाया। पहली बार इस इमारत पर फरवरी में हमला हुआ था उमर ने कहा है, 'इस साल दूसरी बार संस्थान पर हमला करने को लेकर आश्चर्य नहीं हुआ. वे चाहते हैं कि युवा कश्मीरी अधीन बने रहें और आत्मनिर्भर न बन सकें. माना जा रहा है कि दो या तीन आतंकवादी सोमवार तड़के उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआई) की इमारत में घुस गए.
 
गौरतलब है कि जुलाई में आर्मी ने हिजबुल कमांडर आतंकी बुरहान वानी का एनकाउंटर किया था जिसके बाद से यहां तनाव है। इस हिंसा में अब तक 92 लोग मारे जा चुके हैं। कई इलाकों में आज भी कर्फ्यू है।  

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