गाजियाबाद। 3 साल का एक मासूम खेलते हुए नाले में गिर गया। शुक्रवार की देर शाम 3 साल का मोहित अपने बड़े भाई के साथ खेल रहा था। भाई के पीछे भागते हुए उसे पास में बहता हुआ नाला नजर नहीं आया और वह उसमें गिरकर समा गया। घटना की जानकारी मिलते भी आसपास के लोग मासूम को बचाने के लिए इकट्ठा हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने मासूम को बचाने के लिए 2 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया लेकिन मोहित को नाले से जीवित बाहर नहीं निकाला जा सका। जैसे ही मासूम को नाले से बाहर लाया गया, पुलिस उसे तुरंत एम्बुलेंस मे लेकर अस्पताल गई है, जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं मासूम के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
सूचना मिलते ही ही खोड़ा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और मोहित की तलाश में जुट गई। नाला काफी गहरा और सिल्ट से पटे होने के कारण मोहित का कुछ पता नहीं चला। मासूम की तलाश के लिए जेसीबी मशीन और नगर निगम के कर्मचारी मोहित को नाले में तलाशते रहे। लगभग 2 घंटे के बाद मासूम को नाले से निकाला गया, लेकिन तब थक उसकी सांसें थम चुकी थीं।
परिवार को घटना की जानकारी मिलते ही उनके होश उड़ गए। रात का समय और भीड़ के अधिक होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में भी दिक्कत आई। लेकिन जब मासूम को बाहर निकाला गया तब तक उसके प्राण-पखेरू उड़ चुके थे। एक बार फिर से नगर निगम की लापरवाही के चलते 3 साल के मासूम की जान चली गई है। हर वर्ष लाखों का बजट नालों की सफाई, रखरखाव और मरम्मत के लिए पास होता है, ऐसे में गहरे नालों की बॉउंड्री न करवाना मौत को न्योता देता है। इस हटना से लापरवाह अफसरों को सबक लेना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी और नौनिहाल की जान को खतरा न हो।(भाषा)