अधिकारियों ने सोमवार को शिमला में बताया कि ऊना के कई क्षेत्र जलमग्न हो गए। उन्होंने बताया कि कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में 31 जुलाई को आई बाढ़ के बाद लापता हुए करीब 30 लोगों को खोजने के लिए बचाव अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है।
उन्होंने बताया कि 27 जून से 9 अगस्त के बीच बारिश से संबंधित घटनाओं में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं और राज्य को लगभग 842 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि शिमला में 104, मंडी में 71, सिरमौर में 58, चंबा में 55, कुल्लू में 26, सोलन और लाहौल एवं स्पीति में 7-7, किन्नौर में 5, कांगड़ा में 4 और बिलासपुर जिले में एक सड़क बंद है। पूरे प्रदेश में 338 सड़कें बंद हैं। इसने बताया कि सोमवार को 488 बिजली और 116 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं।
क्षेत्रीय मौसम विभाग कार्यालय ने शनिवार तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश के लिए 'येलो' अलर्ट जारी किया है और मंगलवार तक चंबा, किन्नौर, सिरमौर और शिमला जिलों के कुछ हिस्सों में बाढ़ का खतरा भी जताया है।
मौसम विभाग ने बताया कि रविवार शाम से नागल बांध में 115 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि कसौली में 87 मिमी, ऊना में 56 मिमी, नैना देवी में 82.2 मिमी, जटोन बैराज में 75.4 मिमी, नादौन में 72.5 मिमी, पावंटा साहिब में 62 मिमी, सुजानपुर टीरा में 60.6 मिमी और धौलाकुआं में 56.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। अधिकारियों ने बताया कि चंबा, मंडी, किन्नौर, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों में अचानक बाढ़ और भूस्खलन की खबरें आई हैं।(भाषा)