केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार की सुबह से बात करते हुए इन व्यक्तियों के नमूनों में संक्रमण की पुष्टि नहीं होने की घोषणा की। मंत्री ने बताया कि और भी नमूनों के जांच नतीजे की प्रतीक्षा है, जो दिन के वक्त उपलब्ध हो सकते हैं।
संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आने के बाद सतर्कता और सावधानी कितने समय तक बरतनी होगी, इससे जुड़े सवाल पर मंत्री ने कहा कि वायरस का रोगोद्भवन काल (इन्क्यूबेशन पीरियड) 21 दिनों का होता है और इसलिये "अंतिम पुष्ट मामला आने से दोगुनी अवधि यानि 42 दिन तक सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
मंत्री ने कहा कि इस बीच केंद्रीय टीम 2018 में जिस क्षेत्र में निपाह का प्रकोप फैला था, उस इलाके का सर्वेक्षण करेगी और वहां किसी भी पारिस्थितिक परिवर्तन का पता लगाएगी। इसके अलावा पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की टीम भी जिले में फील्ड सर्वेक्षण कर रही हैं।
मंत्री ने बताया कि एक केंद्रीय चमगादड़ निगरानी दल भी यहां मौजूद है, जो उनके नमूने इकट्ठा कर रही है। उन्होंने बताया कि निपाह वायरस से संक्रमित मरीजों की हालत स्थिर है और कृत्रिम जीवनरक्षक प्रणाली पर रखे गए नौ वर्षीय लड़के की हालत में भी सुधार दिख रहा है।