उन्होंने बताया कि संभव है कि निपाह वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए चमगादड़ से नमूने लेकर उनकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा, आईसीएमआर की एमबीएसएल-3 प्रयोगशाला जैविक संक्रमण से तृतीय स्तर की सुरक्षा वाली दक्षिण एशिया की पहली प्रयोगशाला है और इसे कोझिकोड में तैनात किया गया है। इससे जिले में संक्रमण का समय से पता लगाने में मदद मिलेगी।
केरल सरकार ने गुरुवार को कहा कि निपाह वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए जरूरी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी राज्य में पहुंच गई है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि दिन में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच बैठक हुई और अब मोनोक्लोनल एंटीबॉडी आ गई है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)