देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमे से केदारनाथ धाम में 20, यमुनोत्री धाम में 15, बदरीनाथ धाम में 8, गंगोत्री धाम में 4 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। अधिकतर श्रद्धालुओं की मौत बीमारी के कारण हुई है, लेकिन मौत का कारण समय पर इलाज नहीं मिलना भी रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते यात्रा दो साल बाद चल रही यात्रा में बड़े पैमाने पर जो लोग अस्वस्थ हैं, वो भी यात्रा पर आ रहे हैं। ऐसे में उनका अनुरोध यह है कि जिनका स्वास्थ्य खराब है, वह अभी यात्रा में ना आए।सीएम पुष्कर धामी का कहना है कि चारधाम के लिए सभी धामों में व्यवस्थाएं बेहतर की गई हैं।
6,58,685 यात्री कर चुके चार धाम का दर्शन: उत्तराखंड में बुधवार तक कुल 6,58,685 यात्री चार धाम का दर्शन कर चुके हैं। बुधवार को गंगोत्री में 8530, यमुनोत्री में 5825, बदरीनाथ में 10,396 और केदारनाथ में 11,782 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। 3 मई से शुरू हुए चारधाम यात्रा के तहत गंगोत्री धाम में 1,30,855, यमुनोत्री धाम में 1,06,352, बदरीनाथ धाम में 1,89,815 और केदारनाथ धाम में 2,31,663 श्रद्धालुओं अब तक दर्शन कर चुके हैं।
केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से यात्रियों को शाम के समय सोनप्रयाग बैरियर पर रोका जा रहा था। जिस कारण तीर्थ यात्री गौरीकुंड में रात्रि विश्राम के लिए नहीं पहुंच पा रहे थे। जिसका असर गौरीकुंड के होटल व्यवसाय पर पड़ने से आक्रोशित व्यापारियों ने 20 मई को सोनप्रयाग बाजार बंद का ऐलान किया था।
इसका संज्ञान लेते हुए डीएम मयूर दीक्षित ने उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा एवं पुलिस उपाधीक्षक विमल रावत को उक्त समस्या के समाधान के लिए व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों से वार्ता करने भेजा। उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा के अनुसार वार्ता के बाद सोनप्रयाग बैरियर शाम 5 बजे से शाम 7 बजे तक गौरीकुंड तक जाने वाले यात्रियों के लिए खोलने पर सहमति बनी है। इससे जहां यात्री गौरीकुंड में रात्रि विश्राम कर सकेंगे वहीं क्षेत्रीय व्यापारियों का व्यवसाय ठीक ढंग से संचालित हो सकेगा।